बनारस: हम सभी के बचपन में दीपावली का मतलब होता था फुलझड़ियां, चटाई बम, रॉकेट और भी ना जाने कितने तरह के पटाखे। इनसे घायल होने का जोखिम भी होता था लेकिन फिर भी जितना मजा दिवाली पर पटाखे फोड़ने में आता था उतना मजा शायद ही किसी चीज में आता हो। खैर सरकार और कोर्ट ने पिछले कुछ सालों से धीरे-धीरे पटाखों पर बैन लगाना शुरू कर दिया क्योंकि पटाखों की वजह से ऐसा माना जाता है कि एक रात में काफी प्रदूषण हो जाता है। अब यह सही है या गलत यह अपनी अलग चर्चा का विषय है। लेकिन हम बताने जा रहे हैं बनारस की 12 वर्षीय छात्रा के बारे में जो इस वक्त सातवीं क्लास में है और उसने सौर ऊर्जा से जलने वाला दीया बनाया है, जो कि जलने के साथ-साथ पटाखों वाली आवाज भी निकालता है।
कक्षा 7 में पढ़ने वाली अपेक्षा ने अपने दीये के बारे में बताते हुए कहा कि यह मिट्टी से बना हुआ है और इससे किसी भी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता क्योंकि इसमें जो बैटरी लगी हुई है वह सोलर ऊर्जा से चार्ज होती है और एक बार 3 से 4 घंटे चार्ज होने पर करीब पांच-छह दिनों तक चल जाती है। इस दीए मैं अपेक्षा ने एक सर्किट लगाइए जिसमें सेंसर लगा हुआ है और साथ में एक रिमोट भी है, जैसे ही कोई रिमोट को दीए के सामने लाकर बटन दबाता है वैसे ही दीये से पटाखों की आवाज आती है।
बनाने में लगे 12 दिन
अपेक्षा ने बताया कि उन्हें यह दिया बनाने में करीब 12 दिन लगे, और इसमें कुल इसमें कुल लागत ₹350 कि आई है।