पीलीभीत (UP Election 2022): पीलीभीत में एपीएमसी परिसर में एक अस्थायी Election Strong Room के आसपास बंदरों की एक टुकड़ी ने करीब 40 के आस पास नए लगे CCTV कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया (Monkeys Destroyed 40 CCTV), जिसके बाद उपकरणों की सुरक्षा के लिए एक लंगूर को तैनात किया गया है। अपनी इतनी महत्वता देखकर लंगूर को भी लगा होगा कि हो सकता है अधिकारी उसे मासिक वेतन देते हुए सरकारी नौकरी दे दे। बंदरों का जिस कदर उत्पात मचा हुआ है यह देखते हुए लगता है कि बंदरों के उत्पाद और उनके द्वारा किए गए तबाही से बचाव के लिए बहुत जल्दी लंगूरो की भर्ती निकालनी पड़ेगी। 🤣🤣
Monkeys Destroyed 40 CCTV
वैसे तो बंदरों का आतंक हर जगह पर है, और आए दिन लोग बंदरों के उत्पात से परेशान होते हैं। पीलीभीत के एक मंडी में बने अस्थायी Election Strong Room की सुरक्षा के लिए करीब 54 CCTV कैमरे लगाए गए थे जिसमें से बंदरों ने पिछले 4 दिनों में करीब 40 CCTV कैमरे तोड़ दिए (Monkeys Destroyed 40 CCTV) । बंदरों का उत्पात को देखते हुए EVM की सुरक्षा के लिए अधिकारियों ने फिर एक लंगूर को तैनात करने की योजना बनाई।
अधिकारियों की यह तरकीब कामयाब रही है और जबसे लंगूर को तैनात किया गया आस पास एक भी बंदर दिखाई नहीं दिए। कुछ बंदरों को वन विभाग के कर्मचारियों ने पकड़ कर जंगल में भी छोड़ा, अब जाकर स्थिति संभली।
इस बीच, लखनऊ के एक वन्यजीव कार्यकर्ता कौशलेंद्र सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन (CWLW) संजय सिंह के पास एक शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें स्थानीय अधिकारियों और वन अधिकारियों के खिलाफ अनुसूची I के भाग II में सूचीबद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत, लंगूर का उपयोग करने को गलत बताया और ऐसा करने का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।
इसके जवाब में TOI से बातचीत में सामाजिक वानिकी प्रभाग के संभागीय वन अधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि विभाग की एक टीम ने जिला प्रशासन के “तत्काल अनुरोध” के जवाब में जांगरौली गांव से एक लंगूर को पकड़ा था। कुमार ने आगे कहा, “हमने लंगूर को फंसाने से पहले पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के फील्ड डायरेक्टर से मौखिक अनुमति ली थी।”