आप सबको शायद याद होगा, बचपन में हमारे यहां धार्मिक सीरियल आया करते थे जिसने जब भी स्वर्ग को दिखाया जाता था तो वहां नीचे हमेशा भगवान के पैरों के पास बादल दिखाई देते थे, कुछ ऐसा ही हाल इस वक्त दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में यमुना नदी में दिखाई दिया। यहां छठ के अवसर पर कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो कि देखने में थोड़ी हास्यास्पद है लेकिन काफी ज्यादा चिंताजनक है।
जो तस्वीरे सामने आई है उन्हे देख के कोई ये कह नही सकता की ये हमारे धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित यमुना नदी है और जिसके इर्द गिर्द इतनी सारी पौराणिक कहानियां लिखी गई है। द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने एक बार कालिया नाग के वजह से प्रदूषित हुए यमुना जी को बचाया था शायद इस बार भी स्वयं श्री कृष्ण को अवतार लेना पड़े क्योंकि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है जब यमुना नदी के पानी में प्रदूषण के कारण इतनी जहरीली झाग निकल रही है और लोग उसमें छठ की पूजा कर रहे हैं, ऐसी तस्वीरें पिछले चार-पांच सालों से लगातार आ रही हैं।
यमुना नदी के इस हाल के लिए कौन जिम्मेदार इसके लिए शायद अब बहुत सारी डिबेट्स हो लेकिन ऐसी डिबेट्स आज से नहीं काफी पहले से चल रही है और शायद सिर्फ डिबेट्स ही होती रहती है, बस डर इस बात का है कि अभी यमुना जी का हाल है, कल को हमारी पूज्य गंगा जी का भी हाल कुछ ऐसा ही ना हो जाए और इसके बारे में हमें और आपको सोचने की जरूरत है।