जी हां आपने सही सुना कुछ दिनों पहले अमेरिका से हिसार (हरियाणा) वापस आए बुजुर्ग ने 68 साल बाद 28 रुपए की उधारी चुकाई है जो एक मिठाई की दुकान पर बकाया थी जिसे वह इतने सालों बाद भी नहीं भूले थे। यहां हमारे दोस्तों को पैसे लेने के 5 मिनट बाद ही याद नही रहता की हमे पैसे लौटाने भी है। आपको बता दें कि बुजुर्ग का नाम BS उप्पल है और नौसेना के एक रिटायर्ड कमांडर हैं जो रिटायर होने के बाद अपने बेटे के साथ रहने के लिए अमेरिका चले गए।
उधार की कहानी भी काफी दिलचस्प है यह बात साल 1954 की है उस समय उप्पल हिसार में ही रहते थे और उनके घर के पास ही श्री शंभू दयाल बंसल जी की मिठाई की दुकान थी जहां से वह अक्सर मिठाइयां खाया करते थे। बुजुर्ग को लस्सी में पेड़े डालकर खाना पसंद था, और क्योंकि दुकान वाला घर के पास ही था और वह इन्हे पहचानता था तो कई बार पैसे ना होने पर भी वह उन्हें उधार में मिठाईयां दे दिया करता था इसी बीच उनकी नौकरी नेवी में लग गई और उन्हें शहर छोड़कर जाना पड़ा।
उप्पल बताते हैं कि उस समय नौकरी लगने के बाद उन्हें कभी मौका ही नहीं मिला कि वापस हिसार जा पाए और अपना उधार चुका पाए और रिटायर होने के बाद वह अमेरिका चले गए। अब अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में उन्हें अपना यह कर्ज उतारना था और इसरार में मौजूद अपना स्कूल देखना था जो वह दसवीं कक्षा के बाद वापस नहीं देख पाए थे और वह सिर्फ इसलिए ही हिसार वापस आए थे। मिठाई की दुकान पर उन्होंने शंभू दयाल बंसल के पोते विनय बंसल को 68 सालों के बाद ₹28 के उधार के बदले ₹10000 चुकाये और अपना ऋण उतार दिया। लेकिन स्कूल बंद होने के वजह से वह अपनी दूसरी ख्वाहिश पूरी ना कर पाए और उन वापस लौटना पड़ा।