हमारे देश में बढ़ती उम्र में विवाह का चलन बहुत कम है और बढ़ती उम्र तो छोड़िए नौजवानों को भी आजकल शादी के लिए Tinder और shaadi.com जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म का सहारा लेना पड़ रहा है ताकि उन्हें जीवनसाथी मिल पाए। सोशल मीडिया पर तो सही जीवनसाथी ना मिलने के चक्कर में कुवारे बैठे युवाओं के ऊपर तरह-तरह के #SingleMeme चलते रहते हैं। हालाकि हम सभी जानते है एक उम्र पार करने के बाद सबको एक साथ की जरूरत होती है और ढलती उम्र के साथ हमसफर ढूंढना मुश्किल हो जाता है पर इस बेहद ही मुश्किल काम को आसान कर रहा है सूरत का अनुबंध फाउंडेशन (Anubandh Foundation) ।
जहां आज के समय में नौजवानों के लिए ही एक साथी ढूढ पाना काम आसान काम नहीं है वही सूरत में अनुबंध फाउंडेशन (Anubandh Foundation) हर साल ऐसे बुजुर्ग जो जीवन में अकेले है और जीवनसाथी की तलाश में है, उनके लिए एक जीवनसाथी मेला का आयोजन करता है। इस सम्मेलन में देश भर से वृद्धों के आवेदन आते है। इस बार भी सूरत में अनुबंध फ़ाउंडेशन (Anubandh Foundation ) ने बुजुर्गों के लिए जीवनसाथी पसंद करने का मेला लगाया , जिसमें देश भर से 800 आवेदन आए। फ़ाउंडेशन ने विद्याश्रम और 200 बुजुर्गों को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था जिनमे से 10 की बात भी बन गयी। फाउंडेशन अब तक अब तक लगभग 200 लोगों को अपना जीवनसाथी ढूंढने में मदद कर चुका।
हाल में हुए जीवनसाथी मेले में एक ऐसी वृद्धा भी पहुंची, जिसकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं और वो आंखें बंद होने से पहले अपने पति के लिए महिला की तलाश कर रही थी। उन्होंने कहा कि, मेरे मरने से पहले मेरे पति को उसके जैसी सोच रखने वाली वृद्धा मिल जाए तो ये आखिरी इच्छा पूरी हो जाएगी। आगे कहा कि, एक सही जीवनसाथी मेरे पति को मिले यही मेरी अंतिम इच्छा है।
संस्था के पदाधिकारी ने कहा की बुड़ापे में अकेलापन बहुत से बुजुर्गों की परेशानी है और हमारी संस्था इस समस्या से निजात दिलाने का कम कर रही है। प्रेम और सुकून भरे शादी के बंधन में बंधने के लिए इस फ़ाउंडेशन में सीधे सम्पर्क किया जाता है और कुछ स्टेप्स और प्रॉसेस के बाद शादी हो जाती है। जो बुजुर्ग चाहते है कि बड़ापे में उनका जीवनसाथी हो वो यहाँ आ सकते है। यहाँ सबको अपने मनपसंद का जीवनसाथी चुनने का मौक़ा दिया जाता है।