हम सभी जानते हैं कि बनारस को बाबा विश्वनाथ की नगरी के नाम से भी जाना जाता है और यहां के राजा स्वयं भगवान शंकर हैं ऐसी मान्यता है। लेकिन क्या आपको यह पता है कि कोई भी अतिथि जब बनारस आता है तो उसके लिए भगवान शिव के दर्शन के साथ साथ काल भैरव जी का दर्शन करना भी अनिवार्य माना जाता है अन्यथा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन भी पूर्ण नहीं होता।
जी हां आपको बता दें कि काल भैरव जी को काशी का कोतवाल माना जाता है और इस वजह से काशी में सुख समृद्धि बनाए रखने की जिम्मेवारी भगवान शिव ने काल भैरव जी के कंधे पर दे रखी है। काल भैरव जी के बारे में एक कहानी प्रचलित है कि एक बार ब्रह्मा जी के पंचमुखी से शिवजी के लिए बुरा भला निकल गया था इस पर भगवान शिव को काफी क्रोध आया जिस क्रोध से ही भगवान काल भैरव का जन्म हुआ और काल भैरव ने अपने नाखून से ब्रह्मा जी का वह मुख अलग कर दिया और वो मुख उनके हाथ में चिपक गया, और उनके ऊपर ब्रह्म हत्या का दोष चढ़ गया। इस दोष को उतारने के लिए वे काशी आए और यहीं के होकर रह गए।
आपको बता दें कि बनारस स्थित कोतवाली थाने में आज भी कोतवाल की कुर्सी पर बाबा काल भैरव विराजमान है और उनकी जगह पर कभी भी कोई अधिकारी नहीं बैठता सारे अधिकारी उनके बगल में अपनी कुर्सी लगाकर मामलों की सुनवाई करते हैं और निवारण करते हैं। यहां तक की जब भी किसी नए अधिकारी का ट्रांसफर बनारस होता है तो वह सबसे पहले बाबा काल भैरव के दर्शन करता है उसके बाद ही अपना पदभार ग्रहण करता है।
यही एक वजह है कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या कोई भी हस्ती बनारस आती है तो वह काल भैरव के दर्शन करने से नहीं चूकती जैसा कि आज नरेंद्र मोदी जी ने भी किया है। आज श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर नरेंद्र मोदी बनारस पहुंचे हैं और सबसे पहले काल भैरव जी का दर्शन किया उसके बाद करीब 1:30 बजे श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे।